जापानी बुखार हालांकि बहुत खतरनाक है और इसके लिए कोई पुख्ता इलाज भी नहीं है लेकिन यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाएं तो निश्चित रूप से जापानी बुखार से निजात पाई जा सकती है। जापानी बुखार कहने को अभी बहुत अधिक नहीं फैला है लेकिन इस वायरस के फैलने की उम्मीदें लगातार बनी हुई हैं। इसीलिए आप डरने के बजाय सावधानी बरतेंगे तो बेहतर है।
दरअसल जिन 17 सुअरों के रक्त में जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस की पुष्टि हुई है वह रिपोर्ट नई नहीं है यानी इन सुअरों के रक्त का सैंपल सितंबर में लिया गया था जबकि इसके नतीजे नवंबर में सामने आए हैं जो कि खतरे की घंटी है।
गौरतलब है कि सितंबर में दिल्ली में ही चार मरीज जापानी बुखार से पीडि़त थे जिसके बाद सुअरों के रक्त की जांच की गई और वह रिपोर्ट अक्तूबर के अंत तक आई जिसे 27 नवंबर को रिलीज किया गया और सार्वजनिक तौर पर इस रिपोर्ट को 15 दिसंबर को रिलीज किया गया। खुशी की बात है कि फिलहाल जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस से पीडि़त कोई मरीज नहीं है, ना ही इसका कोई संभावित मरीज भी है। लेकिन परेशानी की बात ये है कि दिमागी बुखार या जापानी बुखार का कहर अगले साल के सिंतबर के आसपास अपना कहर बरपा सकता है।
इस बात का सीधा नतीजा ये निकलता है कि राजधानी में अभी जापानी बुखार का मंडरा रहा खतरा कम हो गया है लेकिन फिर भी आपको जागरूक होने की बेहद जरूरत है।
दरअसल, सर्दियों में मच्छर जनित बीमारियां कम ही होती हैं लेकिन गर्मियों में मच्छरों की अधिकता के कारण कई तरह की बीमारियां भी हो जाती है। इस बाबत जनस्वास्थ्य विभाग के कर्त्ताधर्ताओं का कहना है कि जापानी बुखार से संबंधित रिपोर्ट जारी कर लोगों को डराना नहीं बल्कि चेताना था और जागरूक करना था कि जापानी बुखार के वायरस सूअर के माध्यम से हो सकता है जिससे वे समय से पहले सावधानी बरतें। हालांकि जापानी बुखार एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता लेकिन मच्छरों द्वारा ये संक्रमित बुखार है। बहरहाल, आपको जापानी बुखार से सावधानी बरतने की जरूरत है और अपने आसपास सफाई रखने की जरूरत है।
दरअसल जिन 17 सुअरों के रक्त में जापानी इंसेफ्लाइटिस वायरस की पुष्टि हुई है वह रिपोर्ट नई नहीं है यानी इन सुअरों के रक्त का सैंपल सितंबर में लिया गया था जबकि इसके नतीजे नवंबर में सामने आए हैं जो कि खतरे की घंटी है।
japanese encephalitis Dimagi bukhar life cycle by chiragan |
इस बात का सीधा नतीजा ये निकलता है कि राजधानी में अभी जापानी बुखार का मंडरा रहा खतरा कम हो गया है लेकिन फिर भी आपको जागरूक होने की बेहद जरूरत है।
दरअसल, सर्दियों में मच्छर जनित बीमारियां कम ही होती हैं लेकिन गर्मियों में मच्छरों की अधिकता के कारण कई तरह की बीमारियां भी हो जाती है। इस बाबत जनस्वास्थ्य विभाग के कर्त्ताधर्ताओं का कहना है कि जापानी बुखार से संबंधित रिपोर्ट जारी कर लोगों को डराना नहीं बल्कि चेताना था और जागरूक करना था कि जापानी बुखार के वायरस सूअर के माध्यम से हो सकता है जिससे वे समय से पहले सावधानी बरतें। हालांकि जापानी बुखार एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता लेकिन मच्छरों द्वारा ये संक्रमित बुखार है। बहरहाल, आपको जापानी बुखार से सावधानी बरतने की जरूरत है और अपने आसपास सफाई रखने की जरूरत है।
By: अनुराधा गोयल, ओन्ली माई हैल्थ सम्पादकीय विभाग
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