Friday 8 June 2012

क्या करें 12वीं के बाद द्वारा चिरागन

बारहवीं के रिजल्ट की घोषणा होने के साथ ही छात्र उलझन में पड़ जाते हैं कि उन्हें किस फील्ड में आगे जाना चाहिए, उन्हें सामान्य कोसरे में एडमिशन लेना चाहिए या फिर किसी प्रोफेशनल कोर्स में। जिन छात्रों के अच्छे मार्क्‍स होते हैं, उन्हें तो तुरंत विभिन्न को सरे और संस्थानों में एडमिशन मिल जाता है लेकिन सबसे अधिक परेशानी होती है, कम अंक लाने वाले छात्रों को। यदि बारहवीं में आपके कम मार्क्‍स आए हैं तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। यदि आपको मनमाफिक संस्थान में एडमिशन नहीं मिलता है तो आपके लिए कॉरेसपांडेंस कोर्स है ही। फुल टाइम कोर्स न सही, शॉर्ट टर्म कोर्स भी हैं। जनरल कोर्स में नहीं तो वोकेशनल कोर्स या प्रोफे शनल कोर्स में भी एडमिशन लिया जा सकता है। कंप्यूटर कोर्स, एनिमेशन, बीपीओ , फैशन डिजाइनिंग, फिल्म मेकिंग, मीडिया आदि ऐसे फील्ड हैं, जहां किताबी ज्ञान के बनिस्पत अनुभव और नई चीजों की ललक मायने रखती है। वर्तमान में, विभिन्न संस्थानों और विविद्यालयों में दर्जनों शॉर्ट टर्म, पार्ट टाइम के अलावा जॉब ऑरियेंटेड कोर्स हैं
सीए/सीएस/सीडब्ल्यूए/सीएफए/बीकॉम आज के दौर में चार्टर्ड एकाउंटेंट की जरूरत सभी कंपनियों के अलावा बैंकों और स्टॉक ब्रोकर्स को होती है। जिस पूंजीवादी दौर से भारत गुजर रहा है, उसमें सबसे अधिक मांग इससे जुड़े प्रोफेशनलों की ही है। इसकी डिग्री लेने के बाद आप चीफ एकाउंटेंट, चीफ फाइनेंस ऑफीसर और चीफ मैनेजर के रूप में काम कर सकते हैं। काम के दौरान ऑडिटिंग एंड इनश्योरेंस, टैक्स कंसलटेंसी, फाइनेंशियल कंसलटेंसी, प्रोजेक्ट प्लॉनिंग एंड कंसलटेंसी आदि से संबंधित काम कर सकते हैं। कॉस्ट एकाउंटेंसी करने के बाद प्राइवेट इंटरप्राइजेज, गवर्नमेंट सेक्टर, बैंकिंग एंड फाइनेंस सेक्टर, चीफ कंट्रोलर के रूप में काम किया जा सकता है। जो लोग कंपनी सेक्रेटरी की डिग्री हासिल करते हैं, वे स्टॉक एक्सचेंज और कंपनी लॉ बोर्ड में आसानी से नौकरी हासिल करते हैं।
कस्टमर रिलेशनिशप मैनेजर हालांकि एविएशन फील्ड की कई कंपनियां घाटे में चल रही हैं, बावजूद इसके एयरपोर्ट मैनेजमेंट एंड कस्टमर से जुड़े लोगों की मांग बनी हुई है। इसके तहत रिजव्रेशन एंड टिकटिंग स्टाफ, ग्राउंड स्टाफ, ट्रैफिक असिस्टेंट और कस्टमर सर्विस एक्जीक्यूटिव के तौर पर काम कर सकते हैं। इससे संबंधित कोर्स में एडमिशन इंटरव्यू और क्वालीफाइंग एग्जाम के आधार पर होता है। इस कोर्स की अवधि 12 महीने की होती है। एयर टिकटिंग भी इसी के तहत आता है और इससे संबंधित दो से छह महीने से लेकर एक साल के कोर्स उपलब्ध हैं। इसके जरिए छात्र जान सकेंगे कि किस तरह संबंधित फ्लाइट्स की बुकिंग के साथ टिकट लिया जाता है। साथ ही, पैसेंजर को आने-जाने के लिए गाइड करने के साथ दूसरी आवश्यकताओं की जानकारी भी दे सकते हैं। वे टाइम टेबल बताते हैं, एयरलाइंस शेड्यूल के साथ गाइड और टैरिफ बुक की जानकारी भी पैसेंजर को देते हैं। इसके अलावा, आप इंटरनेट ऑपरेटर, बैंकिंग, ट्रैवल एजेंसीज, एयरलाइंस कंपनियां, ट्रांसपोर्टर्स, बिजनेस-टू-बिजनेस आदि के तौर पर भी काम कर सकते हैं। बतौर सीआरएम इंजीनियर, सीआरएम फंक्शनल कंसल्टेंट, सीआरएम टेक्निकल कंसल्टेंट और सीआरएम आर्किटेक्ट की भी मांग काफी बढ़ी है।
सप्लाई चेन मैनेजमेंट कोर्स भारत में सैकड़ों ऐसी कंपनियां हैं जो सप्लाई चेन मार्केट में अपने पांव पसार रही हैं। ‘चेन ऑफ आउटलेट्स’ और डिस्ट्रीब्यूशन चैनल की बढ़ती दुनिया के कारण इसके जानकार लोगों की मांग काफी है। हर तीसरा घर सप्लाई चेन के कारोबार से जुड़ा है। इससे जुड़े कोर्स में एडमिशन बारहवीं के बाद ही हो सकता है। इस फील्ड में वही टिक सकता है जो बेस्ट हो क्योंकि इनका काम ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर से लेकर एविएशन, लॉजिस्टिक कंपनियों, शिपिंग कॉरपोरेशन से लेकर मल्टी प्रोडक्ट कंपनियों में होता है।
इवेंट मैनेजमेंट शहरों में होने वाले कार्यक्रमों का आयोजन अब काफी भव्य होता है। इन आयोजनों की व्यवस्था को इवेंट मैनेजमेंट और इसे सफल बनाने वालों को इवेंट मैनेजर कहा जाता है। इस जुड़ा कर्मी किसी भी आयोजन की शुरुआत से लेकर आखिरी तक होने वाले हर कार्यक्रम की देखरेख और नियंतण्रकरता है। इसके तहत फैशन शो, संगीत समारोह, विवाह समारोह, थीम पार्टी, प्रदर्शनी, कॉरपोरेट सेमिनार, प्रोडक्ट लांचिंग और फिल्मों के प्रीमियर आदि प्रोग्राम आते हैं। इवेंट मैनेजमेंट से डिप्लोमा कोर्स में एडमिशन बारहवीं के बाद मिल जाता है। कोर्स के बाद कोई भी पब्लिक रिलेशन्स कंपनी ज्वाइन की जा सकती है।
एनिमेशन एंड वेब डिजाइनिंग बच्चों में एनिमेशन फिल्में देखने का काफी शौक होता है। बॉलीवुड से हॉलीवुड तक और टीवी मीडिया से लेकर वीडियो गेम्स तक में मल्टीमीडिया और एनिमेशन का बोलबाला है। यही कारण है कि पोस्ट प्रोडक्शन हाउस, टीवी चैनलों, विज्ञापन एजेंसियों व कंपनियों और गेम इंडस्ट्री में इससे जुड़े लोगों की जबर्दस्त मांग है। थ्रीडी फिल्मों का दौर तो आ ही चुका है जो पूरी तरह से टीम वर्क होता है। इससे संबंधित कोर्स कई संस्थानों में चलाए जाते हैं और एडमिशन 12वीं के आधार पर ही होता है। इसके अलावा, वेबसाइट डिजाइनिंग में भी अपार संभावनाएं हैं लेकिन इसके पहले आपको एचटीएमएल, सीएसएस, फोटोशॉप, जावा स्क्रिप्ट आदि पर कमांड की जरूरत होगी। शुरु आती चरणों में आठ से दस हजार तक कमा सकते हैं।यदि आपकी अंग्रेजी या हिंदी पर बेहतर कमांड है और आपको टाइपिंग आती है तो आप कॉपी राइटर, कंटेंट राइटर और मास कम्युनिकेशन फील्ड में अपना भाग्य आजमा सकते हैं। अनुभव के बाद आप इस फील्ड में मनमाफिक पैसे कमा सकते हैं।
फॉरेन लैंग्वेज वैिक दौर में विदेशी भाषा तथा संस्कृति को जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें नौकरी के अनेक अवसर उपलब्ध हैं। विदेशी भाषा के महत्व को समझते हुए देश के तमाम संस्थान और विविद्यालय अपने यहां विदेशी भाषा का कोर्स संचालित कर रहे हैं। मल्टीनेशनल कंपनियों में भी दुभाषिये की जरूरत होती है। यहां व्यापक पैमाने पर रिपोर्ट, ट्रांजैक्शन सहित तरह-तरह का अनुवाद का काम किया जाता है। वर्तमान दौर में फ्रेंच, जर्मन, इटालियन, जापानी, स्पैनिश, रशियन, अरैबिक, पर्शियन और चीनी भाषा जानने वालों की मांग बढ़ी है। विदेशी भाषा सीखकर आप दुभाषिये, टूरिस्ट गाइड, एयर हॉस्टेस, फ्लाइट स्टीर्वड के अलावा होटलों में पब्लिक रिलेशन्स अफसर के तौर पर भी काम कर सकते हैं।
बुक पब्लिशिंग ‘नॉलेज इकोनॉमी’ के बढ़ते दबाव के कारण बुक पब्लिशिंग इंडस्ट्री काफी ग्रोथ कर रही है। भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में इसमें करियर ऑपरच्युनिटी बढ़ी है। हालांकि बुक पब्लिशिंग से संबंधित कई कोर्स उपलब्ध हैं लेकिन ट्रेनिंग कोर्स इन बुक पब्लिशिंग, कोर्स इन पब्लिशिंग, डिप्लोमा इन प्रिंटिंग एंड पब्लिशिंग, र्सटििफकेट कोर्स इन बाइंडिंग एंड फिनिशिंग प्रमुख हैं, जो 12वीं के बाद किए जा सकते हैं। इससे संबंधित कोर्स करने के बाद बतौर प्रूफ रीडर, प्रोजेक्ट असिस्टेंट, कॉपी एडिटर, असिस्टेंट एडिटर, सब- एडिटर, रिसर्च एडिटर आदि की नौकरी कर सकते हैं।
इंटरप्रेन्योरशिपिंग कारोबारी माहौल में आज हर कोई कारोबारी बनना चाहता है लेकिन कुछ ही लोग इसमें सफल हो सकते हैं। इसलिए, यदि वे शुरू में खास मुद्दों को जान लें कि उनमें क्या-क्या खास गुण होने चाहिए, जिससे वे बेहतर कारोबारी हो सकते हैं, तो उनका सपना पूरा हो सकता है। यही कारण है कि टाटा इंस्टीटय़ूट ऑफ सोशल साइंस ने भी अपने यहां इंटरप्रेन्योरशिप में डिग्री वाले पाठय़क्रम की शुरुआत की है। इंटर के बाद संबंधित संस्थानों और विविद्यालयों से सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स किया जा सकता है।
विज्ञापन आज के दौर में विज्ञापन की दुनिया काफी अहम हो गई है। इस फील्ड में आप जितना रचनात्मक रहेंगे, आपके लिए आगे का रास्ता उतना ही खुला होगा। भारत में इससे संबंधित कई तरह के कोर्स बारहवीं के बाद उपलब्ध हैं। इसके बाद आप रेडियो, टीवी, फिल्म, प्रिंट या दूसरे माध्यम में बतौर एडवरटाइजिंग एक्जीक्यूटिव, क्रिएटिव राइटर, पब्लिक रिलेशन्स अफसर, पोस्टर राइटर, कॉपी राइटर, प्रोडक्शन प्रमोटर, स्क्रिप्ट राइटर, ग्राफिक डिजाइनर आदि के काम कर सकते हैं।
ब्यूटी कोर्स फैशन का दौर हमेशा से है और लोग इसके प्रति अधिक जागरूक हुए हैं। छोटे से लेकर बड़े शहरों तक की गलियों में आपको ब्यूटी पार्लर मिल जाएंगे। इससे संबंधित कोर्स में एडमिशन 12वीं के बाद मिल जाता है। हालांकि इस फील्ड में आगे बढ़ने के लिए कुछ व्यक्तिगत गुणों को तवज्जो देना आवश्यक होता है, मसलन विनम्रता, कौशल, दो स्ताना व्यवहार, आत्मविास जैसे गुण होने आवश्यक हैं। इससे संबंधित कोर्स में थ्योरी के साथ प्रैक्टिकल नॉलेज भी दी जाती है। कोर्स खत्म होने के बाद बतौर ब्यूटीशियन आप या तो किसी कंपनी में काम कर सकते हैं या फिर प्राइवेट सैलून भी खोल सकते हैं।
मेडिकल टूरिज्म भारत में तेजी से बढ़ती चिकित्सीय सुविधाओं के कारण यहां मेडिकल टूरिज्म के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। अब कई बड़ी- छोटी ट्रैवल एजेंसियां ने अपने यहां मेडिकल टूरिज्म का बाकायदा डिपार्टमेंट बना रखा है। यदि आपको थोड़ी-बहुत अंग्रेजी आती है और आप बेहतर ढंग से अंग्रेजी में बात कर सकते हैं तो यह फील्ड आपके लिए काफी महत्वपूर्ण है। कोर्स खत्म करने के बाद आप सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी नौकरी कर सकते हैं क्योंकि ट्रैवल एजेंसी के साथ एयरलाइंस और गवर्नमेंट ऑर्गेनाइजेशन आपको मौका दे सकते हैं। इसके अलावा, टूर और टूरिज्म का फील्ड भी लोगों को जमकर लुभा रहा है।
साउंड रिकॉर्डिग कोर्स फिल्म की दुनिया काफी बड़ी होती है। पिछले कुछ समय से यहां साउंड रिकॉर्डिंग से जुड़े लोगों की मांग बढ़ी है। इसके जानकारों को फिल्म डायरेक्शन, फिल्म एडिटिंग से लेकर डांस आदि में रोजगार मिल जाता है। यह ऐसा टेक्निकल फील्ड है जिसकी मांग हमेशा से रही है क्योंकि डॉक्युमेंट्री फिल्मों, रेडियो ब्रॉडकास्टिंग आदि में इनकी जरूरत पड़ती है। इससे संबंधित कोर्स अंडर-ग्रेजुएट लेवल से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट लेवल तक उपलब्ध है। यदि आपका मनमाफिक विषयों में ग्रेजुएशन में एडमिशन नहीं हो पा रहा है तो निराश होने की जरूरत नहीं है। देश के विभिन्न शहरों में सरकारी और गैर-सरकारी दोनों संस्थान हैं, जहां इससे संबंधित कोर्स की पढ़ाई होती है।
विनीत
10वीं के बाद
सर्टिफिकेट विजुअल आर्ट्स-पेंटिंग, एप्लायड आर्ट्स, स्कल्पचर परफॉर्मि ग आर्ट्स-थियेटर आर्ट्स, हिन्दुस्तानी म्यूजिक, कर्नाटक म्यूजिक, भरतनाटय़म, कथक होम बेस्ड हेल्थ केयर कम्युनिटी रेडियो टूरिज्म स्टडी न्यूट्रिशन एंड चाइल्ड केयर फूड सेफ्टी ह्यूमन राइट्स कंज्यूमर प्रोटेक्शन को-ऑपरेशन, को-ऑपरेटिव लॉ एंड बिजनेस लॉ लाइफ लांग लर्निग एनर्जी टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट
और भी हैं कोर्सेज डिप्लोमा इन जनरल र्नसंिग एंड मिडवाइफरी डिप्लोमा कोर्स इन रेडियोलॉजी असिस्टेंट डिप्लोमा इन प्रोस्थेटिक्स एंड आथ्रेटिक्स बेसिक एंड एडवांस मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी र्सटििफकेट इन मेडिकल लैब टेक्नीशियन डिप्लोमा डायलिसिस टेक डिप्लोमा एक्स-रे एंड ईसीजी टेक डिप्लोमा इन ऑपरेशन र्सटििफकेट इन वार्ड एटेनडेंट मेडिकल ट्रांसक्रिप्शन डिप्लोमा इन फाम्रेसी एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरिंग कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट सेक्टेरियल प्रैक्टिस फैशन टेक्नोलॉजी फ्रंट ऑफिस असिस्टेंट कॉल सेंटर असिस्टेंट डेस्कटॉप पब्लिशिंग ऑपरेटर स्टेनोग्राफी र्सटििफकेट इन ट्रेवल एंड टूरिस्ट डिजिटल फोटोग्राफी बुक कीपिंग एंड एकाउंटेंसी डोएक ’ओ‘ लेवल डिप्लोमा इन एडवांस्ड सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी र्सटििफकेट इन इनफॉम्रेशन टेक्नोलॉजी र्सटििफकेट इन यूएनआई एंड सी र्सटििफकेट इन कम्प्यूटर एप्लीकेशन्स कोर्स इन लो कल एरिया नेटवर्किंग डीटीपी डिप्लोमा इन कंप्यूटर्स इन ऑफिस मैनेजमेंट कॉपी राइटर्स र्सटििफकेट इन फ्लैश एंड फोटोशॉप इंटरनेट मार्केटिंग मास कम्युनिकेशन डिप्लोमा इन एक्टिंग एंड डायरेक्शन
संस्थान इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली दिल्ली विविद्यालय, दिल्ली लखनऊ विविद्यालय, लखनऊ पटना विविद्यालय, पटना
डिप्लोमा यूथ इन डेवलपमेंट वर्क अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन न्यूट्रिशियन एंड हेल्थ एजुकेशन टूरिज्म स्टडीज एक्वाकल्चर क्रिएटिव राइटिंग उर्दू एचआईवी एंड फैमिली एजुकेशन वुमेंस इम्पावरमेंट एंड डेवलपमेंट पैरालीगल प्रैक्टिस पंचायत ले वल एडिमिनिस्ट्रेशन एंड डेवलपमेंट वेल्यू एडेड प्रोडक्ट्स फ्रॉम फ्रूट्स एंड वेजिटेबल्स डेयरी टेक्नोलॉजी मीट टेक्नोलॉजी सर्टिफिकेट जापानी लैंग्वेज जर्मन लैंग्वेज डिजास्टर मैनेजमेंट इनवायरनमेंटल स्टडीज एनजीओ मैनेजमेंट बिजनेस स्किल्स फंक्शनल इंग्लिश हेल्थकेयर, वेस्ट मैनेजमेंट सेरीकल्चर ऑग्रेनिक फार्मिग वाटर हाव्रेस्टिंग एंड मैनेजमेंट इनफॉम्रेशन टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन स्किल्स फॉर बीपीओ, आईटीज एंड रिलेटेड सेक्टर इंटरप्रेन्योरशिप लाइब्रेरी टेक्नोलॉजी ज्वैलरी डिजाइनिंग बैचलर डिग्री आर्ट कंप्यूटर एप्लीकेशन सोशल वर्क लाइब्रेरी एंड इनफॉम्रेशन साइंस प्रीपरेटरी प्रोग्राम

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