शनिवार को मौत की नींद में सो जाने वाली दिल्ली की साहसी युवती का सम्बंध
उत्तर प्रदेश के बलिया से था और उसने अपनी स्कूल तथा कॉलेज की शिक्षा का
खर्च ट्यूशन पढ़ाकर निकाला था. युवती को जानने वालों ने कहा कि वह मेहनती
थी और जीवन में आगे बढ़ना चाहती थी.
जानने वालों के मुताबिक युवती
का परिवार करीब 25 साल पहले आकर दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली के एक मध्य वर्गीय
परिवेश में बसा था. वहीं 23 वर्ष पहले युवती का जन्म हुआ था. युवती की
प्रतिभा को देखते हुए उसके पिता ने उच्च शिक्षा के लिए कर्ज लिया था.
कॉलेज की शिक्षा पूरी करने के बाद फिजियोथेरेपिस्ट का प्रशिक्षण लेने के
लिए वह देहरादून गई थी. वहां से लौटने के बाद उसने उत्तरी दिल्ली के एक
निजी अस्पताल में प्रशिक्षु के रूप में काम करना शुरू किया था.
युवती अपने घर की सबसे बड़ी संतान थी और माता-पिता को उम्मीद थी कि उसकी
सफलता से उसके दो छोटे भाइयों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी.
जानकार ने कहा कि किसी भी परिवार की तरह उसके माता पिता को भी उम्मीद थी
कि उसे अच्छी नौकरी तथा अच्छा वेतन मिलेगा, लेकिन 16 दिसम्बर को सामूहिक
दुष्कर्म की शिकार हो जाने से उसका और उसके परिवार का सपना चूर हो गया.
इसके बाद 13 दिनों तक जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करते हुए आखिर सिंगापुर
में शनिवार को युवती का निधन हो गया
साभार:- व्यर्थ शास्त्र
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