Monday 23 April 2012

Cataract केटेरेक्ट (मोतियाबिंद) By Chiragan

1.  केटेरेक्ट (मोतियाबिंद) किसको कहते हैं?

यह आंखों में लेंस के धुंधलापन को कहते हैं, जिससे कि दिखाई देने में दिक्कत होता है| यह एक या दोनों आंख में हो सकता है|
सामान्य रूप में दिखाई देनामोतियाबिन्द में दिखाई देना

2.  लक्षण

  • धुंधला दिखाई देना
  • अंधेरा में देखने में दिक्कत होना
  • रोशनी नहुत तेज दिखना
  • दोहरा दिखाई देना
  • रंग साफ़ से दिखाई नहीं देना
  • बार बार चश्मा बदलना

3.  जांच

  • "विजूअल एक्यूटी (visual acuity)" - दूर से अक्षर पढ़ने का क्षमता
  • आंखों में दवा डाल कर, डाक्टर द्वारा जांच
  • टोनोमेटरी - आंखों में प्रेशर का जांच
Acute CataractAge related cataractCongenital cataract
एक्यूट केटेरेक्टबुढ़ापे में केटेरेक्टजन्म से केटेरेक्ट

4.  केटेरेक्ट के प्रकार

  • उम्र के साथ
    • यह उम्र के साथ अधिक लोगों में होता है| कुछ लोगों में यह 40 से 50 साल से ही शुरू हो जाता है| लेकिन, अधिक लोगों में 60 साल के बाद दिखाई देने में खास दिक्कत होने लगता है|
    • कुछ नवजात शिशु में केटेरेक्ट हो सकता है|
  • किसी कारण से केटेरेक्ट होना-
    • आंख में कोई बीमारी - ग्लूकोमा, चोट लगने के बहुत समय बाद
    • शरीर में कोई बीमारी - डायबिटीज़, कोई तरह के रेडिएशन के बाद

5.  इलाज - सर्जरी

कुछ लोगों को, जिन्हें कम केटेरेक्ट होता है, उनको चश्मा लगाने से लाभ हो सकता है| लेकिन पूरा इलाज के लिए सर्जरी जरूरी है| अगर आपको केटेरेक्ट के कारण देखने में दिक्कत होता है, जैसे कि पढ़ने में, टी वी देखने में, गाड़ी चलाने में, तो अपने आंख के डाक्टर से सर्जरी के लिए परामर्श लें| साथ ही, अगर आपको अन्य कोई बीमारी है, तो उसको ध्यान में रख कर सर्जरी करना होगा|
केटेरेक्ट का सर्जरी कोई आपातकालीन सर्जरी नहीं होता है| यह आप अपने सुविधा अनुसार करा सकते हैं| अगर आपके दोनों आंखों में केटेरेक्ट है, तो एक आंख के सर्जरी और दूसरे आंख के सर्जरी के बीच में करीब 2 महीना रुकना चाहिए|
सर्जरी करीब 90 प्रतिशत लोग में आंखों का रोशनी वापस ला सकता है| यह एक सीधा-साधा और सुरक्षित सर्जरी होता है| लेकिन ध्यान रखें कि आप अपना सर्जरी किसी विश्वासनीय और साफ़-सुथरे जगह से करायें, क्योंकि इसमें इन्फेक्शन होने का सर्जरी नाकामयाब होने का डर रहता है|

6.  सर्जरी में क्या होता है?

सर्जरी में दो चरण होता है| इस सर्जरी में आंख के आगे के स्तर में, या कोर्निया में, चीरा दिया जाता है| पहले चरण में आंख से खराब लेंस को हटाया जाता है, और दूसरे चरण में एक प्लास्टिक का लेंस को लगा दिया जाता है| आप इस प्लास्टिक के लेंस को देख या महसूस नहीं कर सकते हैं| यह प्लास्टिक का लेंस आपके देखने में मदद करेगा|

7.  सर्जरी के प्रकार

सर्जरी के पहले चरण में आंख से खराब लेंस को हटाया जाता है| यह दो तरह से किया जा सकता है|
  • फेको-इमलसीफेकेशन या फेको (Phaco-emulsification or Phaco) - इसमें कोर्निया में एक छोटा चीरा दिया जाता है| फिर तरंगों द्वारा, लेंस को तोड़कर, उसका घोल बना दिया जाता है| इस घोल को बाहर खींच लिया जाता है| आजकल अधिकतर सर्जरी इस तरह से होता है|
  • एक्स्ट्रा-केप्सुलर सर्जरी (extra-capsular surgery) - इसमें कोर्निया में एक बड़ा चीरा डालकर, लेंस को बिना तोड़े हुए निकाला जाता है| 
The article is downloaded from google web.... With heartily, thankfully Regards....  If any One have problem using with this article, so please call or mail us with your detail, we unpublished or delete this Article.

No comments:

Post a Comment