1. एच आइ वी का जांच
एच आइ वी का जांच बताता है कि क्या आप एच आइ वी के
वाइरस से संक्रमित हैं? एच आइ वी के वाइरस से एड्स होता है। एच आइ वी से
संक्रमित होने पर, आपका शरीर रोग प्रतिकारक कण बनाता है, जिसे “ऐंटीबौडीज़
(Antibodies)” कहते हैं। एच आइ वी के जांच में, अगर आपके खून में
“ऐंटीबौडीज़” पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एच आइ वी के रोगी हैं, और
आप “एच आइ वी पोजीटिव (HIV Positive)” हैं।
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एच आइ वी के अन्य
जांच भी हैं, जो उन लोगों में किया जाता है जिन्हे मालूम है कि वो एच आइ वी
से संक्रमित हैं। इन जांचों से पता चलता है कि आपके शरीर में वाइररस कितने
तेजी से बढ रहा है [वाइररस की गिनती या वाइरल लोड टेस्ट, तथ्यपत्र 125
(Viral Load Test)] या आपके शरीर के प्रतिरक्षा की अवस्था कया है [सी डी 4
सेल की गिनती या सी डी 4 काउंट, तथ्यपत्र 124 (CD4 Count)]?
2. कैसे करें
आप एच आइ वी का जांच सरकारी अस्पताल या किसी मान्यता
प्राप्त प्रयोगशाला में करा सकते हैं। जांच का परिणाम लगभग 2 हफ्ते में आ
जाता है।
साधारण्त:, एच आइ वी का जांच खून में होता है। कुछ नये जांच एच आइ
वी के ऐंटीबौडीज़ को मुँह के पानी में (थूक में नहीं), गाल के अंदर खुरचने
से या पेशाब में जांच कर सकते हैं।
“रेपिड (rapid) एच आइ वी
जांच” सिर्फ आधे घंटे में हो जाता है। किंतु, कभी कभार इसमें गलतफ़हमी भी हो
सकता है। इस वजह से कोइ भी “एच आइ वी पोजीटिव जांच” को फिर से करना
चाहिये। एच आइ वी के लिये “मान्यता प्राप्त घरेलू जांच” अभी उपलब्ध नहीं
हैं।
3. कब करें
अगर आप एड्स से संक्रमित होते हैं, तो आपके
प्रतिरक्षा को ऐंटीबौडीज़ बनाने में करीब 3 हफ्तों से 2 महीनों तक लग सकता
है। अगर आपको लगता है कि आपको एड्स से संक्रमण हुआ है, तो आपको जांच कराने
से पहले कम से कम दो महीना रुकना चहिये। आप अभी भी जांच करा सकते हैं,
किंतु 3 महिने के बाद आपको फिर से जांच करना चहिये।
इस दौरान, एच आइ वी
वाइरस आपके शरीर में बढते हैं, लेकिन आप जांच में “एच आइ वी पोजीटिव” नहीं
होते हैं, और इसे विनडो पीरीएड (Window period) कहते हैं। लेकिन, आप दूसरों
को एड्स फैला सकते हैं। 5 प्रतिशत लोग, ऐंटीबौडीज़ बनाने में, 2 महीने से
अधिक समय लेते हैं। सम्भावित संक्रमण के 3 से 6 महीनों के बाद, एच आइ वी का
जांच निर्णानायक होता है। किंतु, इसका कोई गारंटी नहीं है कि कौन कब इतना
ऐंटीबौडीज़ बनायगा कि जांच में पता चल सके। अगर आपको, अपने लक्षणों का कारण
समझ न आए, तो डाक्टर से जरूर राय लेना चहिये, और एच आइ वी का जांच फिर से
कराना चाहिये।
4. संक्रमण के तुरंत बाद जांच
कुछ जांच हैं जो एच आइ वी के वाइरस के बहुत ही छोटे
अंश या अनुवंशिक (viral genes) को नाप सकते हैं, जिसे वाइरल लोड टेस्ट कहते
हैं। यह जांच, ऐंटीबौडीज़ बनने से पहले भी किया जा सकता है। इसी के जैसा एक
और जांच है जिसे “न्युक्लिक एसिड टेस्ट (nucleic acid test)” कहते हैं। ये
दोनों जांच, बल्ड बैंक (Blood bank) में दान किय हुए खून में एच आइ वी के
जांच के लिय उपयोगी हैं। लेकिन, ये दोनों जांच किसी व्यक्ती के संक्रमण के
निर्णय के लिये नहीं किया जाता है, क्योंकि ये महंगे हैं और अधिक भूल भी
होते हैं।
5. एच आइ वी पोजीटिव
एच आइ वी के जांच में, अगर आपके खून में “ऐंटीबौडीज़”
पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एच आइ वी के रोगी हैं, और आप “एच आइ
वी पोजीटिव (HIV Positive)” हैं। यह परिणाम आपके सलाहकार के द्वारा दिया
जायेगा, जो यह बतलायागा कि आगे कया होगा, कहाँ जाऎं और अन्य सहायता कहाँ
मिलेगा।
HIV Infection By Chiragan |
“एच आइ वी पोजीटिव”
होना या “एच आइ वी का संक्रमण” होना, का ये मतलब नहीं है कि आपको “एड्स”
है। बहुत सारे लोग “एच आइ वी पोजीटिव” होते हैं, किंतु वो सालों तक बीमार
नहीं पड़ते हैं। देखें तथ्यपत्र 101 एड्स कया है?
अगर आपके जांच में
कुछ नहीं मिला (नेगेटिव) है और अगर आपको पिछले 3 महीनों में एच आइ वी का
संक्रमण नहीं हुआ है, तो आपको एच आइ वी नहीं है। आगे, अपने आपको एच आइ वी
से बचाऎं (देखें 103, एच आइ वी के प्रसार को रोकना)।
6. क्या जांच गुप्त रहता है?
एच आइ वी का जांच का परिणाम सिर्फ आपको दिया जाता है।
आपके सहमति के बाद ही आपके पति या पत्नी या अन्य को बताया जाता है। अगर आप
एच आइ वी पोजीटिव हैं, तो स्वस्थ्य विभाग को सूचित किया जाता है। आपके
रिपोर्ट गोपनिय रखें जाते हैं। जब कभी गुमनाम जांच किया जाता है, तो वह
जांच किसी व्यक्ति से मिला नहीं सकते।
7. क्या जांच ठीक से होता है?
ऐंटीबौडीज़ की जांच 99.5 प्रतिशत सही होता है। आपको
परिणाम बताने से पहले, यह जांच दो से तीन बार अलग अलग तरीके से पक्का किया
जाता है। पूर्णरूप से निश्चित करने के लिये अन्य जांच हैं जैसे कि
सपलीमेंटल ई/आर/एस (Supplemental E/R/S) या वेस्टर्न ब्लाट (Western Blot)|
दो स्थिती में जांच गलत हो सकता है, जैसे -
- संक्रमित माँ के बच्चे को । इसमें नवजात शिशु को माँ से ऐंटीबौडीज़ मिल जाता है, जिस कारण से, कुछ महीनों तक बच्चा को एच आइ वी न होने के बावज़ूद, जांच में एच आइ वी पोजीटिव होता है। इस स्थिती में वाइरल लोड टेस्ट किया जा सकता है।
- और जैसे पहले बताया गया है, संक्रमण के पहले 3 महीनों में विनडो पीरीएड होता है। इसमें जांच गलत हो सकता है।
8. सारांश
एच आइ वी से संक्रमित होने पर, आपका शरीर रोग
प्रतिकारक कण बनाता है, जिसे “ऐंटीबौडीज़” कहते हैं। एच आइ वी के जांच में,
अगर आपके खून में “ऐंटीबौडीज़” पाया जाता है, तो इसका मतलब है कि आप एच आइ
वी के रोगी हैं, और आप “एच आइ वी पोजीटिव (HIV Positive)” हैं। संक्रमण के
पहले 3 महीनों में विनडो पीरीएड होता है। इसमें जांच गलत हो सकता है। नवजात
शिशु में ऐंटीबौडीज़ का जांच काम नहीं करता है।
अगर आप जांच में “एच
आइ वी पोजीटिव” आ जाते हैं, तो स्वस्थ्य विभाग को सूचित किया जाता है।
आपके रिपोर्ट गोपनिय रखें जाते हैं। “एच आइ वी पोजीटिव” होना, का ये मतलब
नहीं है कि आपको “एड्स” है, किंतु आप एड्स के बारे में और जानिये और आपको
अपना ख्याल रखना चहिये ।
The article is downloaded from google web.... With heartily, thankfully Regards.... If any One have problem using with this article, so please call or mail us with your detail, we unpublished or delete this Article.
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