पैदा होते ही बच्चों की
इंद्रियाँ काम करने लगती हैं, इसलिए उसके आसपास जो कुछ भी होता है, उसका
प्रभाव बच्चे पर पड़ता है और बड़े होने पर यह उसके व्यक्तित्व पर भी प्रभाव
डालता है, इसलिए सबसे पहले माता-पिता को बच्चों के सामने अपने व्यवहार का
ध्यान रखना चाहिए।
फिर जैसे-जैसे बच्चा बड़ा हो, उसकी सुनने, पढ़ने और पहचानने की शक्ति को बढ़ाने और उसकी आवश्यक क्षमताओं को भी विकसित करने के लिए ये उपाय भी आजमाए जा सकते हैं -
1. जब भी बातचीत में कोई नया शब्द इस्तेमाल करें तो बच्चे को इसका अर्थ जरूर समझाएँ और उसे वो शब्द इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें।
2. टीवी पर बच्चे के साथ जानकारीपरक के बारे में समझाएँ, जो आपने देखा है और उसकी बच्चे के साथ चर्चा भी करें।
3. बच्चे के साथ वीडियो गेम्स खेलें, ताकि उसमें अपनी दृष्टि को केंद्रित करने की शक्ति बढ़े।
4. दिन में हुई किसी भी घटना को डिनर पर बच्चे के साथ शेयर करें। बच्चे को भी अपने स्कूल और मित्रों की बातें शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करें।
आप उसे किताबों के आश्चर्य के बारे में पढ़ाएँ,
लेकिन उसे इतना समय भी दें कि वह आसमान में उड़ती चिड़िया के,
धूप में उड़ती मधुमक्खियों के और हरे पर्वतों पर खिले फूलों के शाश्वत रहस्यों के बारे में सोच सके,
ये पंक्तियाँ 19वीं सदी में लिखे गए अमेरिका के महान राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन के पत्र की हैं। इस पत्र में लिंकन ने जीवन के विविध पक्षों को छुआ था, जिनके बारे में बताए जाने की अपेक्षा उन्होंने अपने बच्चे के स्कूल शिक्षक से की थी।
Manoj kumar
फिर जैसे-जैसे बच्चा बड़ा हो, उसकी सुनने, पढ़ने और पहचानने की शक्ति को बढ़ाने और उसकी आवश्यक क्षमताओं को भी विकसित करने के लिए ये उपाय भी आजमाए जा सकते हैं -
1. जब भी बातचीत में कोई नया शब्द इस्तेमाल करें तो बच्चे को इसका अर्थ जरूर समझाएँ और उसे वो शब्द इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करें।
2. टीवी पर बच्चे के साथ जानकारीपरक के बारे में समझाएँ, जो आपने देखा है और उसकी बच्चे के साथ चर्चा भी करें।
3. बच्चे के साथ वीडियो गेम्स खेलें, ताकि उसमें अपनी दृष्टि को केंद्रित करने की शक्ति बढ़े।
4. दिन में हुई किसी भी घटना को डिनर पर बच्चे के साथ शेयर करें। बच्चे को भी अपने स्कूल और मित्रों की बातें शेयर करने के लिए प्रोत्साहित करें।
आप उसे किताबों के आश्चर्य के बारे में पढ़ाएँ,
लेकिन उसे इतना समय भी दें कि वह आसमान में उड़ती चिड़िया के,
धूप में उड़ती मधुमक्खियों के और हरे पर्वतों पर खिले फूलों के शाश्वत रहस्यों के बारे में सोच सके,
ये पंक्तियाँ 19वीं सदी में लिखे गए अमेरिका के महान राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन के पत्र की हैं। इस पत्र में लिंकन ने जीवन के विविध पक्षों को छुआ था, जिनके बारे में बताए जाने की अपेक्षा उन्होंने अपने बच्चे के स्कूल शिक्षक से की थी।
Manoj kumar
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