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Friday, 8 June 2012

तम्बाकू से होने वाले रोग कारन, लक्षण और उपचार by चिरागन

डॉ. सुनील वर्मा, फिजीशियन, सहारा अस्पताल, लखनऊ
तंबाकू जहर है। यह हर रूप में नुकसान पहुंचाता है। अकसर तंबाकू सेवन की शुरुआत कॉलेज में दोस्तों के साथ होती है, जो बाद में ऑफिस और घर में साथ नहीं छोड़ती। आंकड़ों से पता चलता है कि हर वर्ष भारत में धूम्रपान की वजह से लगभग नौ लाख लोगों की मौत होती है। इनमें कैंसर से मरने वालों की संख्या लगभग सात लाख होती है। इसकी वजह यह है कि तंबाकू में 3000 से अधिक प्रकार के हानिकारक रसायन पाये जाते हैं जो सीधे शरीर के हर हिस्से को नुकसान पहुंचाते हैं। जैसे अमोनिया, कार्बन मोनोऑक्साइड, मेथेनॉल, निकोटिन, कोलतार, रेडियोएक्टिव तत्व आदि। ’ग्लोबल यूथ टोबैको’ सव्रे के अनुसार, अपने देश में 65 प्रतिशत पुरुष और 20 प्रतिशत से अधिक महिलाएं किसी ना किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। कैंसर के एक चौथाई मामले तंबाकू के कारण होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, एक सिगरेट पीने से आयु तकरीबन साढ़े पांच मिनट कम हो जाती है।
तंबाकू से होने वाली बीमारियां
तंबाकू चबाने से मुंह का कैंसर, खाने की नली, सांस की नली और जननांग का कैंसर होता है। धूम्रपान करने से मुंह का कैंसर, खाने और सां स की नली का कैंसर, फेफड़े, लैरिंक्स, पेट, पित्त की थैली और पेशाब की थैली का कैंसर होता है। हृदय रोग जैसे ब्लड प्रेशर बढ़ना और हार्ट अटैक। सांस का रोग जैसे क्रॉनिक ओबस्ट्रक्टिव पॉलमोनरी डिजीज। यही नहीं, स्मोकिंग से टीबी होने का खतरा भी चार गुना बढ़ जाता है। गर्भपात, बच्चों में विकृतियां और महिलाओं में अनियंत्रित माहवारी। धूम्रपान करने वाले लोगों में सेक्स संबंधी समस्या भी होती है। अकसर देखा गया है कि लोग तनाव को दूर करने के लिए तंबाकू का सेवन करते हैं लेकिन हकीकत इससे अलग है। तंबाकू का सेवन करने वाला व्यक्ति तनाव से ग्रस्त होता है।
भारत के आंकड़े
तंबाकू के सेवन से लगभग नौ लाख लोगों की मौत होती है। 20 प्रतिशत पुरुष और 5 प्रतिशत महिलाओं की मौत 30 से 69 वर्ष के बीच की अवस्था में तंबाकू की वजह से होती है। 62 प्रतिशत महिलाएं जो तंबाकू का सेवन करती हैं, वे 69 वर्ष के पहले ही मर जाती हैं। एक तिहाई से अधिक लोग बीड़ी का सेवन करते हैं। बीड़ी का एक चौथाई हिस्सा एक पूरी सिगरेट के बराबर नुकसान करता है। अगर कोई व्यक्ति रोजाना एक सिगरेट पीता है और वह दस साल तक जिंदा रहता है तो एक बीड़ी रोज पीने से वह छह साल में ही मर जाएगा। बीड़ी और सिगरेट पीने वाले व्यक्ति की मृत्युदर 50 प्रतिशत बढ़ जाती है।
सिगरेट में मिलने वाले हानिकारक रसायन
एक्टोन- यह एक प्रकार का सॉल्वेंट है जिसका प्रयोग केमिकल फैक्ट्रियों में किया जाता है। मेथेनॉल- मेथेनॉल एक प्रकार का पेट्रोलियम पदार्थ है। इसका सबसे अधिक प्रयोग अंतरिक्ष में जाने वाले रॉकेट में ईधन के रूप में किया जाता है। अमोनिक एसिड- इसका प्रयोग कपड़ा धोने वाले पाउडर और साबुन में किया जाता है। कैडमियम- इसका प्रयोग विद्युत वाली बैटरियों में किया जाता है जो तेजाब के बीच में लगाया जाता है। डीडीटी- यह एक प्रकार की कीटनाशक दवा है। इसका नुकसान इतना ज्यादा है कि सरकार ने इसको कीटनाशक के रूप में भी इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। विनॉ यल क्लोराइड- इसका प्रयोग प्लास्टिक कंपनियां प्लास्टिक बनाने के मैटीरियल के रूप में करती हैं। आर्सेनिक- आर्सेनिक जानलेवा रसायन है। शरीर में जाने के बाद गुर्दे और फेफड़े बुरी तरह प्रभावित होते हैं। टॉलविन- यह एक प्रकार का औद्योगिक रसायन है।
तंबाकू से संबं धित विश्व के आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2006 में हर वर्ष तंबाकू सेवन से मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 54 लाख थी। जिस तरह धूम्रपान तेजी से बढ़ रहा है, यह आंकड़ा 2030 तक बढ़कर एक करोड़ हो जाएगा। विकासशील देशों में वर्ष 2030 तक धूम्रपान से मरने वाले लोगों की संख्या लगभग 80 लाख प्रति वर्ष हो जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 20वीं शताब्दी में तंबाकू की वजह से एक अरब लोगों की असमय मौत हो चुकी है। आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिका जैसे विकसित देशों में धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या घट रही है जबकि विकासशील देशों में इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।
कैसे छोड़ें तंबाकू
तंबाकू छोड़ने के तीन महत्वपूर्ण चरण होते हैं। पहला क्विक डे। इसी दिन निर्धारित किया जाता है कि आज के बाद से तंबाकू के किसी भी उत्पाद का सेवन नहीं करना है। दूसरा विदड्राल पीरियड। इस दौरान, अगर तंबाकू की तलब होती है तो कुछ चबायें जैसे च्युइंगम, इलायची आदि। तीसरा और अंतिम चरण होता है मेंटेन फेज। इसमें तय करना होता है कि तंबाकू का सेवन पूरी दुनिया करे लेकिन यह मेरे लिए नुकसानदेह है। इसलिए इसे कभी हाथ नहीं लगाएंगे। इसके अलावा, अपने आसपास के लोगों को अपने फैसले से अवगत करायें। उनसे सहयोग लें। दिन में कम से कम दो-तीन बार नहायें। जब तंबाकू की लत लगे तब अपने को व्यस्त रखने की कोशिश करें। टीवी देखें या बच्चों के साथ मौज-मस्ती करें।
The Article is downloaded from google web.... With thankfully Regards....

Thursday, 31 May 2012

Kuch logo ka sigrate pina shouk ban gaya hai, Apne shouk ko itna na badhaye ki aapki jindagi hi simat jaye. No Tobacco. No Smoking. By chiragan

Kuch logo ka sigrate pina shouk ban gaya hai, Apne shouk ko itna na badhaye ki aapki jindagi hi simat jaye. No Tobacco. No Smoking. By chiragan

Kuch log Sigrate ko apni pahchan samajh kar pite hai, Sigrate se apni pahchaan ko itna na banaye ki, aaapka astitva hi samapt ho jaye. No Smoking, No Tobacco. By Chiragan

Kuch log Sigrate ko apni pahchan samajh kar pite hai, Sigrate se apni pahchaan ko itna na banaye ki, aaapka astitva hi samapt ho jaye. No Smoking, No Tobacco.  By Chiragan

Kuch log Sigrate ko sangati me pite hai, Sangati me rah kar aisha na kare ki apno ki sangati se hi dur ho jaye. NO Tobacco, No smoking. By Chiragan

Kuch log Sigrate ko sangati me pite hai, Sangati me rah kar aisha na kare ki apno ki sangati se hi dur ho jaye. NO Tobacco, No smoking.  By Chiragan

Kuch Log Sigrate lat me aa kar Pite hai, Sigrate ki lat itna na badhaye ki jindagi ka safar bich raste me hi samapt ho jaye. No Smoking, No Tobacco By Chiragan कुछ लोग सिगरेट लत में आ कर पीते है, सिगरेट की लत को इतना न बढ़ाये की जिंदगी का सफ़र बीच रास्ते में ही समाप्त हो जाये. एक बार सोचे जरूर. चिरागन

कुछ लोग सिगरेट लत में आ कर पीते है, सिगरेट की लत को इतना न बढ़ाये की जिंदगी का सफ़र बीच रास्ते में ही समाप्त हो जाये. एक बार सोचे जरूर. चिरागन