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Sunday, 29 June 2014
Saturday, 28 June 2014
Friday, 27 June 2014
Thursday, 26 June 2014
Friday, 31 January 2014
Thursday, 30 January 2014
Wednesday, 29 January 2014
कृपया चांदी का वर्क लगी मिठाइयां का सेवन ना करें ..! Chiragan NGO
खुद भी जागें औरों को भी जाग्रत करें..मिली जानकारियों के अनुसार ये ''चांदी के वर्क'' नकली और मांसाहार हैं....
हमारे देश में मिठाइयां लोगों की कमजोरी हैं। बच्चे हों या बूढ़े, मिठाइयों को देखकर उन्हें मन को काबू कर पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कम ही लोगों को इस बात का पता है कि रसीली मिठाइयों में लिपटा चांदी का वर्क मिठास के साथ उनके शरीर में ऐसे जहर भी घोल रहा है, जिनसे कैंसर तक हो सकता है।
मिठाइयों पर लिपटे चांदी के वर्क को हम इस भ्रम में बड़े चाव से खा जाते हैं कि आयुर्वेद के हिसाब से यह ताकत पहुंचाने वाली बेशकीमती धातु है। लेकिन इस मिलावटी चांदी के वर्क में बेहद नुकसान पहुंचाने वाले निकल, जस्ता और अन्य रासायनिक तत्व होते हैं जिनसे कैंसर सहित कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
देश के सबसे प्रामाणिक माने जाने वाले 'इंडस विष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र' ने चांदी के वर्क पर हाल ही में एक रिसर्च किया। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में साफ चेतावनी दी है कि इसके अधिक सेवन से कैंसर तक का खतरा हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि मिलावट निरोधी अधिनियम के तहत चांदी का वर्क बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चांदी की शुद्धता 99.9 प्रतिशत निश्चित है। लेकिन जांच में बाजार में बिकने वाले चांदी के वर्क में से आधे भी इस मानक पर खरे नहीं उतरे।
देश में चांदी के वर्क की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह हर परचून की दुकान पर मिलता है। देश में इसकी सालाना खपत 2 लाख 75 हजार किलोग्राम है। मिलावटी चांदी के अलावा ये चांदी के वर्क जिन जगहों पर और जिस तरह से बनाए जाते हैं, वह भी इतने गंदे हैं जो कई बीमारियों को बुलावा दे सकते हैं। एक तो चांदी शुद्ध नहीं होती और दूसरे उसे जिस चमड़े की थैली में पीट-पीटकर बनाया जाता है, वह बेहद गंदी होती है और इससे संक्रमण होना लाजमी है।
हमारे देश में मिठाइयां लोगों की कमजोरी हैं। बच्चे हों या बूढ़े, मिठाइयों को देखकर उन्हें मन को काबू कर पाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन कम ही लोगों को इस बात का पता है कि रसीली मिठाइयों में लिपटा चांदी का वर्क मिठास के साथ उनके शरीर में ऐसे जहर भी घोल रहा है, जिनसे कैंसर तक हो सकता है।
मिठाइयों पर लिपटे चांदी के वर्क को हम इस भ्रम में बड़े चाव से खा जाते हैं कि आयुर्वेद के हिसाब से यह ताकत पहुंचाने वाली बेशकीमती धातु है। लेकिन इस मिलावटी चांदी के वर्क में बेहद नुकसान पहुंचाने वाले निकल, जस्ता और अन्य रासायनिक तत्व होते हैं जिनसे कैंसर सहित कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
देश के सबसे प्रामाणिक माने जाने वाले 'इंडस विष विज्ञान अनुसंधान केन्द्र' ने चांदी के वर्क पर हाल ही में एक रिसर्च किया। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में साफ चेतावनी दी है कि इसके अधिक सेवन से कैंसर तक का खतरा हो सकता है। रिपोर्ट में बताया गया कि मिलावट निरोधी अधिनियम के तहत चांदी का वर्क बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली चांदी की शुद्धता 99.9 प्रतिशत निश्चित है। लेकिन जांच में बाजार में बिकने वाले चांदी के वर्क में से आधे भी इस मानक पर खरे नहीं उतरे।
देश में चांदी के वर्क की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह हर परचून की दुकान पर मिलता है। देश में इसकी सालाना खपत 2 लाख 75 हजार किलोग्राम है। मिलावटी चांदी के अलावा ये चांदी के वर्क जिन जगहों पर और जिस तरह से बनाए जाते हैं, वह भी इतने गंदे हैं जो कई बीमारियों को बुलावा दे सकते हैं। एक तो चांदी शुद्ध नहीं होती और दूसरे उसे जिस चमड़े की थैली में पीट-पीटकर बनाया जाता है, वह बेहद गंदी होती है और इससे संक्रमण होना लाजमी है।
Tuesday, 28 January 2014
You don't need a reason to help people.
People
love to be appreciated for the things that they do and say.
Appreciation acknowledges their value and uniqueness. When you
appreciate someone for something, you raise their self-esteem, increase
their self-confidence and improve their self-image. The more you
appreciate someone for something, the more likely they are to do it
again, and to do it even better next time, so that they can earn even
more appreciation than before.
If you don't have time to do it, when will you have time to do it over?
This
quote belongs to Hall of Fame basketball player/coach John Wooden. It's
a good reminder that rushing through something might save you time
right now, but it'll ultimately take you more time to do it over if
there are problems.
Saving time is great when it doesn't come at a cost, but when you run the risk of making mistakes by taking the shortest route you're not really saving time at all.
Saving time is great when it doesn't come at a cost, but when you run the risk of making mistakes by taking the shortest route you're not really saving time at all.
Wednesday, 5 June 2013
Tuesday, 5 March 2013
कुम्भ पर आने वाली दोकुमेंट्री फिल्म
सड़क
चौराहों, गावो कस्बो और देश विदेश से श्रधालुओ का जत्था लगातार कुम्भ पहुच
रहा था, बच्चो युवाओं का उत्साह, दादा दादी की आस्था पूरे वेग से उछाल मार
रही थी। कोई डूबकी लगा रहा था तो कोई भष्म लगाकर झूम रहा था, कोई आचमन कर
रहा था तो कोई आरती उतार रहा था। जल, जनसमूह और जत्थों का अनूठा मिलन दिख
रहा था, फर्क करना मुश्किल था कौन अमीर था कौन गरीब?, कौन देशी था कौन
परदेशी? पर हा कुछ सामान था सबमे तो वो था गंगा के प्रति आस्था और उसमे
अटूट विश्वाश। ये कुछ अंश है चिरागन की कुम्भ पर आने वाली दोकुमेंट्री
फिल्म के जिसको बनाने में मै और मेरे कई सहयोगी बड़ी सिद्दत से लगे है आशा
है ये अंश आपको पसंद आये होंगे। [किंजल]
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