Sunday 21 August 2011

सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही

अन्ना हजारे-सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नही
पीएम-सर झुका सकते हैं लेकिन सर कटा सकते नही
अन्ना-सैकडो कुर्बानिया देकर हमने ये नैमत पाई है
पीएम-सैकडों महीनों में हमने की काली कमाई है
अन्ना-और अब हम भ्रष्टाचार सहन कर सकते नही
पीएम-और हम जनता के लिये कुछ कर सकते नही.
 
खूब पता था रावन को ,_राम मुझे मारेंगे|
लेकिन वो तो दृढ निश्चय था -हम कुल को तारेंगे ||
झोक दिया फिर एक -एक को -युद्ध में मर जाने को |
उसे पता था कौन राम है -जिद थी तर जाने को ||
यही हाल है मनमोहन की -कांग्रेस को मरना है |
लेट करो फिर लोक पाल को -नेता कुल तरना है ||
मनमोहन को ज्यादा बोलू -ये मेरी नादानी है |
बोल नहीं मै सकता उनको -वो तो सचमुच ज्ञानी है ||
देश की जनता जिन -जिन पर करती रही भरोसा |
देश के गद्दारों ने जनता को -टुकड़ी रोटी परोसा ||
खाते रहे ये सदा मलाई ,जनता अब तो जाग गई |
राज घराने वाली रानी -पहले से ही भाग गई ||
बुरा हाल अब कांग्रेस का -उसे अन्ना -अन्ना दीखता है |
समाचार में बुरा हाल है -हर पन्ना अन्ना -अन्ना दीखता है ||
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