Saturday 19 July 2014

होटल इंडस्ट्री

टूरिस्ट की बढ़ती संख्या की वजह से हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में काफी तेजी देखी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल 83 हजार के अधिक लोगों को इस इंडस्ट्री में नौकरियां मिल सकती हैं। स्वागत करने को तैयार इस सेक्टर में आप भी बना सकते हैं करियर..
विदेशी सैलानियों के बीच भारत पसंदीदा डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है और पिछले कुछ वर्र्षो में यहां आने वाले सैलानियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इससे होटल इंडस्ट्री में भी तेजी देखी जा सकती है। भारत में होटल इंडस्ट्री के विकास का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। इस फील्ड में संभावनाओं को देखते हुए होटल मैनेजमेंट से जुड़े कोर्स कर लेते हैं, तो भविष्य में चमकदार करियर बनाया जा सकता है।
होटल इंडस्ट्री और टूरिजम सेक्टर
होटल इंडस्ट्री का सीधे तौर पर टूरिस्ट से जुड़ा होता है। यदि टूरिस्ट आते हैं, तो होटल इंडस्ट्री को काफी बढ़ावा मिलता है। 12वींपंचवर्षीय योजना के मुताबिक, 2016 तक भारत में 11.24 मिलियन विदेश टूरिस्ट के आने की संभावना है। वहींइस दौरान 1451.46 मिलियन घरेलू टूरिस्ट भी होंगे। प्लानिंग कमीशन के मुताबिक, 2016 तक देश में करीब 50 लाख रूम्स की जरूरत होगी।
कैसे मिलेगी एंट्री
12वीं पास स्टूडेंट होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा या डिग्री हासिल कर सकते हैं। नेशनल काउंसिल फॉर होटल मैनेजमेंट एेंड कैटरिंग टेक्नोलॉजी के संस्थानों में बीएससी इन हास्पिटैलिटी एेंड होटल मैनेजमेंट कोर्स में दाखिले के लिए संयुक्तप्रवेश परीक्षा होती है। इसके लिए 12वीं में कैंडिडेट्स का 50 प्रतिशत मा‌र्क्स होना जरूरी है।
कौन-कौन से कोर्स
एलबीआईआईएचएम के डायरेक्टर कमल कुमार के मुताबिक, 12वीं के बाद बीए इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, बैचलर डिग्री इन होटल मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन होटल एेंड कैटरिंग मैनेजमेंट, बैचलर डिग्री इन हॉस्पिटैलिटी साइंस, बीएससी होटल मैनेजमेंट एेंड कैटरिंग साइंस जैसे कोर्स कर सकते हैं। इसकी अवधि 6 महीने से 3 साल तक है। इसके अलावा, पीजी डिप्लोमा इन होटल मैनेजमेंट, एमएससी इन होटल मैनेजमेंट और एमए इन होटल मैनेजमेंट कोर्स कर सकते हैं। इसकी अवधि 2 साल है। पर्सनल स्किल
इस इंडस्ट्री में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स की पर्सनैलिटी आकर्षक होने के साथ-साथ इसके लिए कम्युनिकेशन स्किल भी शानदार होनी चाहिए। तार्किक सोच के साथ-साथ एडमिनिस्ट्रेशन स्किल भी अच्छी होनी चाहिए।
जॉब के मौके
सुंदरदीप ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन की एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डाक्टर अंजू सक्सेना के मुताबिक, होटल मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद आप होटल एवं हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में कार्य की शुरुआत कर सकते हैं। इसके अलावा, होटलों में किचन मैनेजमेंट, हाउसकीपिंग मैनेजमेंट, एयरलाइन कैटरिंग, केबिन सर्विसेज, सर्विस सेक्टर में गेस्ट या कस्टमर रिलेशन एग्जिक्यूटिव, फास्ट फूड चेन, रिसॉर्ट मैनेजमेंट, क्रूज शिप होटल मैनेजमेंट, गेस्ट हाउसेज, हॉस्पिटल ऐडमिनिस्ट्रेशन, कैटरिंग, रेलवे या बैंक या बड़े संस्थानों में कैटरिंग या कैंटीन आदि में भी जॉब्स मिल सकती हैं।
सैलरी पैकेज
करियर के शुरुआती दौर में 12 -18 हजार रुपये प्रति माह मिल सकते हैं। कुछ वषरें का अनुभव हासिल करने के बाद सैलरी अच्छी हो सकती है।
ई-मार्केटिंग का जमाना
जेपी बिजनेस स्कूल नोएडा द्वारा सोशल मीडिया और ई-मार्केटिंग पर नेशनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इसमें सोशल मीडिया और ई-मार्केटिंग पर आधारित रिसर्च और नई जानकारियां शेयर की गईं। इस मौके पर जेआइआइटी नोएडा के वाइस चांसलर प्रो. एससी सक्सेना ने कहा कि टेक्नोलॉजी के माध्यम से बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन में काफी चेंज आया है। जेईएस के सीईओ डॉ.वाई मेदुरी ने अपने भाषण में ई-बिजनेस द्वारा विकसित और इस्तेमाल किए जा रहे रेवेन्यू मॉडल पर जोर दिया। इसके बाद एनआइआइटी टेक्नोलॉजीज के एशिया पैसेफिक इंडिया और मिडिल ईस्ट के प्रेसिडेंट अरविंद मेहरोत्रा ने सेल्फ सर्विस प्रोपगेशन यूजिंग डिजिटल एसेट फॉर कस्टमर्स ऐंड इंसाइड द आर्गेनाइजेशन विषय पर बताया कि कैसे सोशल मीडिया की मदद से औद्योगिक संस्थाएं कंज्यूमर्स की भावनाओं को प्रभावित कर रही हैं। गूगल कंज्यूमर मार्केटिंग के हेड गुनीत सिंह ने गूगल द्वारा अपनाए जा रहे न्यू मीडिया और एडवरटाइजिंग स्ट्रैटेजी की ओर लोगों का ध्यान आकर्षित कराया। आइएमआइ दिल्ली की प्रो. डॉ. नीना सोंधी ने वर्चुअल व‌र्ल्ड में कस्टमर्स को इंगेज करने के उपायों पर रोशनी डाली। कॉन्फ्रेस में कॉर्पोरेट जगत से एमएमटीसी, आइएमआरबी, जेपी होटल्स, जेपी ग्रीन्स, जेपी सीमेंट, जेआइएलआइटी ऐंड जेपी कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन आदि के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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