Thursday 27 November 2014

पीपीएफ में निवेश की बढ़ाएं चमक

जो लोग अपने निवेश पर कोई जोखिम लेना पसंद नहीं करते उनके लिए लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) एक बढ़िया विकल्प है। इस योजना के तहत छोटी-छोटी बचत करके लंबी अवधि में बड़ा फंड तैयार कर सकते हैं। रिटायरमेंट प्लानिंग और टैक्स सेविंग के लिए यह योजना काफी उपयोगी साबित होती है। इस योजना में निवेश की प्रक्रिया काफी सरल है। पीपीएफ एक सरकारी योजना है जिस पर हर वित्त वर्ष के लिए ब्याज घोषित किया जाता है। फिलहाल इस योजना में सालाना 8.7 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है। सरकार नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले ब्याज की घोषणा करती है। यदि आप अपने पीपीएफ खाते में सुनियोजित तरीके से पैसा जमा करते हैं तो ब्याज के रूप में ज्यादा कमाई कर सकते हैं।
योजना का आकर्षण पीपीएफ में निवेश की प्रक्रिया काफी आसान है। देश के डाकघरों और विभिन्न बैंकों की चुनिंदा शाखाओं में जाकर मामूली सी कागजी कार्रवाई करके पीपीएफ का खाता खुलवा सकते हैं। इस योजना की मैच्योरिटी 15 साल बाद होती है। पीपीएफ में महज 500 रपए से भी खाता खुलवा सकते हैं। इस खाते में एक वित्त वर्ष के दौरान अब अधिकतम 1.5 लाख रपए जमा कर सकते हैं। यह राशि एकमुश्त या अधिकतम 12 किस्तों में जमा कराई जा सकती है। यदि कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र में नौकरी लगते ही पीपीएफ में हर साल 50,000 रपए जमा कराता है तो 40 साल की उम्र में उसे 15.45 लाख रपए मिलेंगे। इस रकम के जरिए कोई बड़ा लक्ष्य हासिल किया जा सका है।
कैसे करें शुरुआत मौजूदा परिदृश्य में पीपीएफ निवेश का अच्छा विकल्प है। फिर भी लोग इस योजना का फायदा नहीं उठा पाते। यदि आप अपना पीपीएफ खाता खुलवाना चाहते हैं तो नजदीकी डाकघर में जाकर संपर्क करें। सार्वजनिक क्षेत्र के एसबीआई, पीएनबी और निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई जैसे कई बैंकों की चुनिंदा शाखाओं में भी पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है। पीपीएफ खाता खोलने के लिए आपका संबंधित बैंक शाखा में बचत खाता होना जरूरी नहीं है। इसके लिए एक साधारण फार्म भरना होगा जिसके साथ अपना पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र और दो फोटो लगाने होंगे। मामूली औपचारिकताएं पूरी करके आपका पीपीएफ खाता खुल जाएगा। फिलहाल बैंकों में आनलाइन पीपीएफ खाता खुलवाया जा सकता है। इसका फायदा यह होगा कि नेट बैंकिंग के जरिए इसमें कभी भी और कहीं से भी निवेश कर सकते हैं।
ब्याज की गणना पीपीएफ योजना में फिलहाल 8.7 फीसद की दर से चक्रवृद्धि ब्याज मिल रहा है। यह ब्याज पीपीएफ खाते में बकाया राशि पर लगता है जो साल के अंत में खाते में जोड़ा जाता है। इसका महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ब्याज की गणना हर माह की जाती है। इसकी प्रक्रिया यह है कि महीने की पांच तारीख से माह की अंतिम तारीख के बीच खाते में जमा सबसे कम राशि पर ब्याज लगाया जाता है। यदि आप ज्यादा ब्याज कमाना चाहते हैं तो इसके लिए अपने पीपीएफ खाते में जो भी रकम जमा कराएं उसे पांच तारीख से पहले ही कराएं। उदाहरण के लिए आपके खाते में पहले से एक लाख रपए जमा हैं और आपने 10 दिसम्बर को उसमें 50,000 रपए और जमा कराते हैं। इस स्थिति में दिसम्बर महीने में आपको सिर्फ एक लाख रपए रपए पर ही ब्याज मिलेगा। यदि यह रकम पांच दिसम्बर या उससे पहले जमा कराई जाती है आपको 1.5 लाख रपए पर ब्याज मिलेगा। इस एवज में मिलने वाली अतिरिक्त रकम लंबी अवधि में रिटर्न बढ़ाने में काफी उपयोगी होती है।
कंपाउंडिंग का असर पीपीएफ योजना लंबी अवधि की है जिसका लॉक इन पीरियड 15 साल है। जाहिर है इसमें से आप लंबी अवधि तक रकम नहीं निकाल सकते। हालांकि आड़े वक्त में एक निश्चित अवधि के बाद लोन का विकल्प है। इस योजना में सबसे बड़ा फायदा निवेश पर मिलने वाले ब्याज पर ब्याज से होता। ब्याज पर मिलने वाले ब्याज को ही कंपाउंडिंग (चक्रवृद्धि) कहते हैं। लंबी अवधि में कंपाउंडिंग का असर काफी प्रभावी होता है। इसीलिए निवेश पोर्टफोलियो में पीपीएफ को जरूर शामिल करना चाहिए।
सोने पर सुहागा आयकर में छूट हासिल करने के लिए पीपीएफ अन्य योजनाओं पर भारी पड़ता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें जीवन बीमा योजनाओं की तरह आपको हर साल बड़ी किस्त नहीं देनी। एक वित्त वर्ष में महज 500 रपए जमा कराके भी खाते को चालू रखा जा सकता है। दूसरा बड़ा फायदा यह है कि निवेश के समय कर छूट का लाभ मिलता और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली रकम भी पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है। यदि इस योजना में बुद्धिमानी के साथ निवेश किया जाए तो आयकर छूट और ब्याज के रूप में ज्यादा लाभ अर्जित कर सकते हैं।

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