Sunday 28 June 2015

लक्ष्मी कहां रहती हैं



मधुर बोलने वाला, कर्तव्यनिष्ठ, ईश्वर भक्त, कृतज्ञ, इन्द्रियों को वश में रखने वाले, उदार, सदाचारी, धर्मज्ञ, माता-पिता की भक्ति भावना से सेवा करने वाले, पुण्यात्मा, क्षमाशील, दानशील, बुद्धिमान, दयावान और गुरु की सेवा करने वाले लोगों के घर में लक्ष्मी का स्थिर वास होता है।

  • जिसके घर में पशु-पक्षी निवास करते हों, जिसकी पत्नी सुंदर हो, जिसके घर में कलह नहीं होता हो, उसके घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से रहती हैं।
  • जो अनाज का सम्मान करते हैं और घर आए अतिथि का स्वागत सत्कार करते हैं, उनके घर लक्ष्मी निश्चत रूप से रहती हैं।
  • जो व्यक्ति असत्य भाषण नहीं करता, अपने विचारों में डूबा हुआ नहीं रहता, जो घमंडी नहीं होता, जो दूसरों के प्रति प्रेम रखता है, जो दूसरों के दुख से दुखी होकर उसकी सहायता करता है और जो दूसरों के कष्ट को दूर करने में आनंद अनुभव करता है, लक्ष्मी उसके घर में स्थायी रूप से वास करती हैं।
  • जो नित्य स्नान करता है, स्वच्छ वस्त्र धारण करता है, जो दूसरी स्त्रियों पर कुदृष्टि नहीं रखता, उसके जीवन तथा घर में लक्ष्मी सदा बनी रहती हैं।
  • आंवले के फल में, गोबर में, शंख में, कमल में और श्वेत वस्त्र में लक्ष्मी का वास होता है।
  • जिसके घर में नित्य उत्सव होता है, जो भगवान शिव की पूजा करता है, जो घर में देवताओं के सामने अगरबत्ती व दीपक जलाता है, उसके घर में लक्ष्मी वास करती है।
  • जो स्त्री पति का सम्मान करती है, उसकी आज्ञा का उल्लंघन नहीं करती, घर में सबको भोजन कराकर फिर भोजन करती है, उस स्त्री के घर में सदैव लक्ष्मी का वास रहता है।
  • जो स्त्री सुंदर, हरिणी के समान नेत्र वाली, पतली कटि वाली, सुंदर केश शृंगार करने वाली, धीरे चलने वाली और सुशील हो, उसके शरीर में लक्ष्मी वास करती हैं।
  • जिसकी स्त्री सुंदर व रूपवती होती है, जो अल्प भोजन करता है, जो पर्व के दिनों में मैथुन का परित्याग करता है, लक्ष्मी उसके घर में निश्चित रूप से वास करती हंै।
  • जो सूर्योदय से पहले (ब्रह्म मुहूर्त में) उठकर स्नान कर लेता है, उस पर लक्ष्मी की कृपा सदा बनी रहती है।
  • जो गया धाम में, कुरुक्षेत्र में, काशी में, हरिद्वार में अथवा संगम में स्नान करता है, वह लक्ष्मीवान होता है।
  • जो एकादशी तिथि को भगवान विष्णु को आंवला फल भेंट करता है, वह सदा लक्ष्मीवान बना रहता है।
  • जिन लोगों की देवता, साधु और ब्राह्मण में आस्था रहती है, उनके घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
  • जो घर में कमल गट्टे की माला, लघु नारियल, दक्षिणावर्त शंख, पारद शिवलिंग, श्वेतार्क गणपति, मंत्रसिद्ध श्री यंत्र, कनकधारा यंत्र, कुबेर यंत्र आदि स्थापित कर नित्य उनकी पूजा करता है, उसके घर से लक्ष्मी पीढ़ियों तक वास करती हैं।
  • धर्म और नीति पर चलने वाले तथा कन्याओं का सम्मान करने लोगों के जीवन और घर में लक्ष्मी स्थायी रूप से वास करती हैं।

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