Sunday, 27 May 2012

अभिनय से कमाएं नाम व दाम Abhinay se kamaye naam va dam by chiragan

अभिनय से कमाएं नाम व दाम Abhinay se kamaye naam va dam by chiragan
नाना पाटेकर, मनोहर सिंह, आशीष विद्यार्थी- ये सभी सिनेमा और रंगमंच के वे चेहरे हैं जो अपनी सशक्त और अलग एक्टिंग के लिए जाने जाते हैं। इनकी एक्टिंग देखकर आप न केवल झूम उठते हैं बल्कि इनकी अभिनय क्षमता के कायल भी हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये सभी जन्मजात एक्टर नहीं हैं। इन्होंने बाकायदा एक्टिंग की ट्रेनिंग लेकर अपनी अभिनय क्षमता को निखारा। आप भी किसी अच्छे संस्थान से ट्रेनिंग लेकर एक्टिंग में करियर बना सकते हैं। यह जान लेना भी जरूरी है कि जो लोग अभिनय सीखना या करना चाहते हैं, उन्हें डांस, एक्शन, डबिंग, स्पीच वैरिएशन, बॉडी लैंंग्वेज, इम्प्रोवाइजेशन, मूवमेंट, म्यूजिक और तमाम ऐसी चीजें समझनी पड़ती हैं। इसके बाद ही बेहतरीन अदाकार बनने का मंसूबा पूरा हो सकता है।
स्कोप एक्टिंग कोर्स करने के बाद आप टीवी सीरियल्स के साथ-साथ फिल्मों में भी काम हासिल कर सकते हैं। आज के अभिनेताओं को पर्दे पर या रंगमंच पर देखकर अभिनय के आसान होने का भ्रम तो हो सकता है, लेकिन असलियत में यह एक कठिन चुनौती है। अंग्रेजी रंगमंच और सिनेमा के जाने-माने नाम पीटर ब्रूक का मानना है कि अभिनेता के सामने सबसे मुश्किल काम होता है, तटस्थ रहते हुए निष्ठावान होना। इंडियन एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक आर्ट्स के डायरेक्टर प्रदीप खरब के मु ताबिक जो लोग अभिनय के रास्ते रंगमंच या सिनेमा का रुख करना चाहते हैं, उन्हें कुछ कसौटियों पर तो निश्चित रूप से खरा उतरना पड़ेगा। मेहनत, लगन, समर्पण जैसे तमाम पारंपरिक गुणों के साथ-साथ आज के अभिनेता को इस दौर को जीना पड़ता है। लिहाजा जन्मजात गुणों का गुलदस्ता होने के बावजूद ट्रेनिंग के बगीचे से गुजरना जरूरी है। इसके लिए देश के हर कोने में अभिनय, सिनेमा और रंगमंच से जुड़ी अन्य विधाओं की बारीकियां सिखाने के लिए संस्थान मौजूद हैं।
कोर्स एक्टिंग के लिए इन दिनों र्सटििफकेट, डिप्लोमा, डिग्री कोर्सेज चलाए जा रहे हैं। एफटीआईआई, पुणो में दो साल का पीजी डिप्लोमा इन एक्टिंग, एनएसडी में तीन साल का डिप्लोमा, सत्यजीत रे इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन में तीन साल का पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन सिनेमा जैसे कोर्स कराए जाते हैं। इसके अलावा जो प्राइवेट संस्थान हैं, जैसे एशियन फिल्म एकेडमी, आईएडीए, पद्मिनी कोल्हापुरी स्कूल ऑफ एक्टिंग वगैरह से कुछ महीने से लेकर साल-दो साल के कोर्स किए जा सकते हैं।
योग्यता एक्टिं ग के लिए यूं तो किसी शैक्षणिक योग्यता की जरूरत नहीं होती। एडमिशन का आधार स्क्रीन टेस्ट, एंट्रेंस एग्जाम या अंक कुछ भी हो सकता है। लेकिन देश के जो भी प्रमुख संस्थान हैं, उनमें ग्रेजुएट्स को ही दाखिला मिलता है। इस फील्ड में सबसे ज्यादा जरूरत है, लगन और रचनात्मकता की। आपमें किसी चीज को समझने की क्षमता कितनी औ र कैसी है, यह बहुत अहम है। धैर्य बनाए रखें। आप कामयाब एक्टर बन सकते हैं।
अवसर अभिनय के क्षेत्र में अवसरों की कमी नहीं है। रंगमंच है, टेलीविजन है, सिनेमा है, विज्ञापन फिल्में हैं। इन सभी में उन लोगों के लिए भरपूर जगह है जो अपनी प्रतिभा से अभिनय की नई पटकथा लिखने की क्षमता रखते हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नै, कोलकाता या अन्य स्थानों पर वहां की भाषा के मुताबिक काम ही काम है।
आमदनी इस फील्ड में आमदनी की कोई सीमा नहीं है। अगर एक फिल्म, सीरियल या विज्ञापन फिल्म हिट हो गया तो आप रातों रात स्टार बन जाते हैं और आपकी वैल्यू अचानक बढ़ जाती है। वैसे इसमें सैलरी के बजाय कॉन्ट्रैक्ट पर काम मिलता है। हां, किसी प्रोडक्शन या नाटक कंपनी या फिर किसी ऐक्टिंग स्कूल में टीचर बन कर सैलरी से भी आमदनी हो सकती है।

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