Sunday 31 March 2013

प्यार जो छूत की बीमारी की तरह बढ़ता ही जाता है : Chiragan

साईं बाबा का जन्म 28 सितंबर 1838 को हुआ। वह जाने-माने फकीर और संत थे। कहा जाता है कि अपने जीवनकाल में उन्होंने कई बड़े चमत्कार किए। भक्तों ने उन्हें साइर् (साक्षात ईश्वर) नाम दिया और ईश्वर के अवतार के रूप में पूजना शुरू कर दिया। आज भी दुनिया भर में उनके लाखों भक्त हैं। बाबा प्यार, क्षमा, दान, मदद, शांति, संतुष्टि और गुरु की भक्ति को नैतिक बताते हुए इन सब आदतों को ग्रहण करने की शिक्षा देते थे। उनके उपदेशों में हिंदुत्व और इस्लाम दोनों की शिक्षाओं का समावेश था। इस तरह उन्होंने हिंदुओं और मुसलमानों को जोड़ने और इनके बीच सांप्रदायिक सद्भाव कायम करने में बड़ी भूूमिका निभाई। 15 अक्टूबर 1918 को उन्होंने अपनी देह का त्याग कर दिया।

- अगर आप चाहते हैं कि कोई घर सालोंसाल चले तो उसकी नींव का मजबूत होना बेहद जरूरी है। यही नियम इंसान पर भी लागू होता है, वरना वह भी मिट्टी में मिल जाएगा और छलावे की दुनिया में चला जाएगा।
- कर्म की उपज सोच-विचारों से होती है, इसलिए ये विचार ही हैं, जो ज्यादा मायने रखते हैं।
- ध्यान रखें कि आपके आसपास की चीजें आपको कभी भी गलत राह पर न ले जाएं, न ही जो आप देखते हैं, उससे प्रभावित हों क्योंकि आप जिस दुनिया में रहते हैं, वह एक छलावा है, जिसमें गलत रास्ते और झूठे आदर्शों एवं विचारों की भरमार है।
- प्यार को इस दुनिया में बेपरवाह बहने दो ताकि वह दुनिया को शुद्ध और पवित्र कर दे। इसके बाद इंसान उस कोलाहल से दूर शांति से रह सकेगा, जो सांसारिक रुचियों और महत्वाकांक्षाओं से पैदा हुआ है। ।
- जिंदगी गाना है - इसे गाते रहो, जिंदगी खेल है - इसे खेलते चलो, जिंदगी चुनौती है - इसे स्वीकार करो, जिंदगी सपना है - इसे जानो, जिंदगी बलिदान है - इसे अर्पित करो, जिंदगी प्रेम है - इसका आनंद उठाओ। - आसमान में मौजूद लाखों तारों को देखो, जो ईश्वर द्वारा ृबनाई गई कुदरत के हिस्से के रूप में एकता का संदेश दे रहे हैं।
- दूसरां को प्यार और मदद दीजिए, ताकि वे अपनी जिंदगी के बेहतरीन लेवल तक पहुंच सकें। प्यार एक छूत की बीमारी की तरह है और हर समस्या का हल करने का दम रखता है।
- इंसान अनुभवों से सीखता है और आध्यात्मिक पथ इंसान को विभिन्न तरह के अनुभव हासिल कराता है। ये अनुभव उसे शुद्ध और स्वच्छ बनाने में मदद करते हैं।
- भविष्य तभी उज्ज्वल हो सकता है , जब आप ईश्वर के साथ ताल - से - ताल मिलाकर जिंदगी जीने लगेंगे।
- जिंदगी के मायने वर्तमान में जीने से हैं। जिंदगी के इस पल को जी भर के जी लो। ये आपके आज के विचार और कर्म ही हैं , जो आपका भविष्य तय करेंगे। भविष्य की रूप - रेखा आपके पिछले कर्मों से भी काफी हद तय हो चुकी है।
- इंसान को कमल के फूल की तरह होना चाहिए , जो सूरज की उगती किरणों के साथ ही अपने पत्तों को खोलकर फैला लेता है , जो कीचड़ में पैदा होने के बाद भी बिना किसी मलाल के लहलहाता रहता और पानी में अपना वजूद बनाए रखता है।

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