Saturday 18 May 2013

आरटीआई का इस्तेमाल

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगने और भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश करने वालों को परेशान किए जाने की भी संभावना रहती है. कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें सूचना मांगने वालों को शारीरिक रूप से नुक़सान पहुंचाने का प्रयास किया गया है. और ऐसा तब किया जाता है, जब सूचना मांगने से बड़े स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार का ख़ुलासा होने वाला हो, लेकिन इसका यह अर्थ नहीं कि हर आवेदक को ऐसी धमकी का सामना करना पड़ेगा.
सामान्यत: अपनी शिकायत की स्थिति जानने या फिर किसी दैनिक मामले के बारे में जानने के  लिए आवेदन करने पर ऐसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है. ऐसा उन मामलों में हो सकता है, जिनकी सूचना मांगने से नौकरशाही और ठेकेदारों के बीच साठगांठ का पर्दाफ़ाश हो सकता है या फिर किसी माफ़िया गठजोड़ के  बारे में पता चल सकता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि कोई आवेदक ऐसी स्थिति में सूचना के  अधिकार का प्रयोग क्यों करें?
दरअसल, पूरी व्यवस्था इतनी सड़ चुकी है कि यदि हम अकेले या साथ मिलकर इसे सुधारने की कोशिश नहीं करेंगे, तो यह कभी ठीक नहीं होगी. और अगर हम कोशिश नहीं करेंगे, तो सवाल यह उठता है कि और कौन करेगा? इसलिए हमें प्रयास तो करना ही होगा, लेकिन हमें एक योजना बनाकर इस दिशा में काम करना चाहिए, ताकि कम से कम ख़तरों का सामना करना पड़े. अनुभव के साथ कुछ सुरक्षा और योजनाएं भी उपलब्ध हैं. आप आगे आकर किसी भी मुद्दे पर सूचना के अधिकार के तहत सूचना मांगते हैं, तो आवेदन करते ही आप पर कोई हमला नहीं करेगा. पहले तो वह आपको बहलाने या जीतने का प्रयास करेंगे. इसलिए जैसे ही आप कोई असुविधाजनक आवेदन डालेंगे, कोई आपके पास आकर बड़ी विनम्रता से आवेदन वापस लेने के  लिए कहेगा. आप उस आदमी की बातों से यह समझ सकते हैं कि वह कितना गंभीर है और वह क्या कर सकता है. अगर आपको मामला गंभीर लगता है, तो अपने 10-15 परिचितों को उसी सार्वजनिक विभाग में वही सूचना मांगने के  लिए तुरंत आवेदन करने के लिए कहें. यह और भी अच्छा होगा, अगर आपके मित्र देश के  अलग-अलग हिस्सों में रहते हैं. अब किसी को पूरे देश में फैले आपके 10-15 परिचितों को एक साथ नुक़सान पहुंचाना बहुत मुश्किल होगा. देश के  दूसरे हिस्सों में रहने वाले आपके दोस्त डाक के माध्यम से भी आवेदन डाल सकते हैं. इसको ज़्यादा से ज़्यादा प्रचार देने का प्रयास करें. इससे आपको सही सूचना भी मिल जाएगी और ऐसे में आपको कम से कम ख़तरों का सामना करना पड़ेगा. इसके बाद एक और सवाल उठता है कि सूचना प्राप्ति के बाद एक आरटीआई आवेदक को क्या करना चाहिए? इसका कोई एक जवाब नहीं हो सकता. यह इस बात पर निर्भर होगा कि आपको किस प्रकार की सूचना चाहिए और आपका मक़सद क्या है? बहुत से मामलों में केवल सूचना मांगने भर से ही आपका मक़सद हल हो जाता है. उदाहरण के  लिए अपने आवेदन की स्थिति की जानकारी मांगने भर से ही आपका पासपोर्ट अथवा राशन कार्ड आपको मिल जाता है. बहुत से मामलों में सड़कों की मरम्मत पर पिछले कुछ महीनों में ख़र्च हुए पैसे का हिसाब मांगते ही सड़क की मरम्मत हो गई, इसलिए सूचना की मांग करना और सरकार से प्रश्‍न पूछना स्वयं एक महत्वपूर्ण क़दम है. अनेक मामलों में यह स्वयं ही पूर्ण है, लेकिन अगर आपने सूचना के अधिकार का उपयोग करके भ्रष्टाचार तथा घपलों को उजागर किया है, तो आप सतर्कता विभाग और सीबीआई में सबूत के  साथ शिकायत दर्ज कर सकते हैं अथवा एफआईआर दर्ज करा सकते हैं. कई बार देखा जाता है कि शिकायत दर्ज कराने के बाद भी दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं होती. सूचना के अधिकार के अंतर्गत आप सतर्कता एजेंसियों पर भी उनके पास दर्ज शिकायतों की स्थितियों की जानकारी मांगकर दबाव डाल सकते हैं. घपलों को मीडिया द्वारा भी उजागर किया जा सकता है, लेकिन दोषियों को सज़ा मिलने का अनुभव बहुत उत्साहजनक नहीं रहा है. फिर भी एक बात निश्‍चित है कि इस प्रकार सूचना मांगने और दोषियों को बेनक़ाब करने से भविष्य में सुधार होगा. यह अधिकारियों को एक स्पष्ट संकेत है कि लोग सतर्क हो गए हैं और पहले की भांति किया गया कोई भी ग़लत कार्य अब छुपा नहीं रह सकेगा. इस प्रकार उनके पकड़े जाने का ख़तरा बढ़ गया है.
 आवेदन पत्र
किसी भी सरकारी विभाग में रुके  हुए काम के लिए (राशनकार्ड, पासपोर्ट, वृद्धावस्था पेंशन, आयु-जन्म-मृत्यु-आवास प्रमाण पत्र बनवाने या इंकम टैक्स रिफंड मिलने में देरी होने, रिश्‍वत मांगने या बिना वजह परेशान करने की स्थिति में निम्न प्रश्‍नों के  आधार पर सूचना का आवेदन तैयार)
सेवा में,
लोक सूचना अधिकारी
(विभाग का नाम)
(विभाग का पता)
विषय : सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन
महोदय,
मैंने आपके  विभाग में ……………….. तारीख़ को ……………………………. के  लिए आवेदन किया था (आवेदन की प्रति संलग्न है), लेकिन अब तक मेरे आवेदन पर संतोषजनक क़दम नहीं उठाया गया है.
कृपया इसके  संदर्भ में निम्नलिखित सूचना उपलब्ध कराएं
1. मेरे आवेदन पर की गई प्रतिदिन की कार्रवाई अर्थात दैनिक प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराएं. मेरा आवेदन किन-किन अधिकारियों के  पास गया तथा किस अधिकारी के पास कितने दिनों तक रहा और इस दौरान उन अधिकारियों ने उस पर क्या कार्रवाई की? पूरा विवरण उपलब्ध कराएं.
2. विभाग के नियम के अनुसार मेरे आवेदन पर अधिकतम कितने दिनों में कार्यवाही पूरी हो जानी चाहिए थी? क्या मेरे मामले में उपरोक्त समय सीमा का पालन किया गया है?
3. कृपया उन अधिकारियों के  नाम और पद बताएं, जिन्हें मेरे आवेदन पर कार्रवाई करनी थी? लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की.
4. अपना काम ठीक से न करने और जनता को परेशान करने वाले इन अधिकारियों के  ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की जाएगी? यह कार्रवाई कब तक की जाएगी?
5. अब मेरा काम कब तक पूरा होगा?
6.कृपया मुझे सभी आवेदन/रिटर्न/याचिका/शिकायत की सूची उपलब्ध कराएं, जो मेरे आवेदन/रिटर्न/याचिका/शिकायत के  जमा करने के बाद जमा की गई है. सूची में निम्नलिखित सूचनाएं होनी चाहिए :-
1.आवेदक/करदाता/याचिकाकर्ता/पीड़ित का नाम
2. रसीद संख्या
3. आवेदन/रिटर्न/याचिका/शिकायत की तारीख़
4. कार्रवाई की तारीख़
7. कृपया रिकॉर्ड के  उस हिस्से की छायाप्रति दें, जो उपरोक्त आवेदन/रिटर्न/याचिका/शिकायत की रसीद का ब्यौरा रखते हों?
8. मेरे आवेदन के बाद यदि किसी आवेदन/रिटर्न/याचिका/शिकायत को नंबर आने से पहले क्रियान्वित किया गया हो, तो उसका कारण बताएं?
मैं आवेदन फीस के  रूप में 10 रुपये अलग से जमा कर रहा/रही हूं.
भवदीय
नाम ……………..
पता ……………..

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