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Friday, 12 October 2012
दूब की तरह छोटे बनकर रहो। जब घास-पात जल जाते हैं तब भी दूब जस की तस बनी रहती है। – गुरु नानक देव मानव मूल्यों को जागृत करने का चिरागन का एक प्रयास..!
दूब की तरह छोटे बनकर रहो। जब घास-पात जल जाते हैं तब भी दूब जस की तस बनी रहती है। – गुरु नानक देव
मानव मूल्यों को जागृत करने का चिरागन का एक प्रयास..!
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