Saturday, 20 October 2012

बच्चो के मस्तिष्क का बेहतर विकास

बच्चो के मस्तिष्क के बेहतर विकास के लिए विशेषज्ञों द्वारा सलाह दी जाती है कि बचपन से ही ब्रेन एक्सरसाइज करवाई जाये. ब्रेन एक्सरसाइज ज्यादा थकाने वाला और बोरिंग नहीं होना चाहिए. उसे मजेदार होने के साथ ही उसमें बधे का ज्यादा से ज्यादा इन्वॉल्वमेंट होना भी जरूरी है जिससे उन्हें दिये गये चैलेंजेज को पूरा करने के लिए वे अपने दिमाग का भरपूर इस्तेमाल करें. कुछ तकनीक जिससे बच्चो  के ब्रेन के एक्सरसाइज के साथ ही उनकी संज्ञानात्मक (कॉग्रिटिव) क्षमता भी बढती है. शोध बताते हैं कि बच्चो के ब्रेन का अधिकतम विकास १३ वर्ष की आयु तक हो जाता है. इसलिए हम जितनी जल्दी  बच्चो की मेंटल एक्सरसाइज की शुरुआत करेंगे , सुपर ब्रेन के विकास के उतने ही चांसेस ज्यादा होंगे.  बच्चोमें संज्ञानात्मक कौशल बढाने से उन्हें किसी चीज में फोकस करने में सहायता मिलती है, उनकी सोचने की क्षमता बढती है, वे प्लानिंग और प्राथमिकता के बारे में सीखते हैं, उनकी याद रखने और विजुलाइजेशन की क्षमता बढती है. बच्चो का ब्रेन एक्सरसाइज बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका उनके सोचने और
बिहेवियरल पै टर्न पर लंबे समय तक के लिए असर पडता है.मजेदार एक्टिविटीज और क्रॉर्सवल्ड पजल या स्क्रबल खेलना जैसे क्रासवर्ल्ड को सुलझाना आदि बधे में ध्यान लगाने और सोचने की शक्ति में सहायता करते हैं. इस तरह की एक्टिविटीज से बधों के ब्रेन सेल्स की एक्सरसाइज होती है. मेंटल मैथ सदियों पुरानी तकनीक है मेंटल मैथ. यह मस्तिष्क के लेफ्ट और राइट दोनों ओर के फंक्शंस को इम्प्रूव करता है. यह मस्तिष्क की सोचने की क्षमता बढाने का प्रभावशाली तरीका है. साथ ही मस्तिष्क के फंक्शंस के विकास और उसकी मजबूती भी बढाते हैं. शतरंज शतरंज जैसे खेल उनके मस्तिष्क को स्टीमुलेट करने में सहायता करते हैं. बधों को ध्यान केंद्रित करने और रणनीति सीखाने में इस तरह के खेल बहुत मददगार होते हैं. मेमोरी एक्सरसाइज बहुत कम उम्र से ही मेमोरी एक्सरसाइज की शुरुआत कर देनी चाहिए. इसे आप बधे को उसके नाम की स्पेलिंग याद करवाकर कर सकती हैं. इसके अलावा घर केसदस्यों के नाम, टेलीफोन नंबर याद करवाएं और फिर धीरे-धीरे दूसरी कॉम्प्लेक्स चीजों को याद करवाने की कोशिश करें. नयी भाषा सिखाएं आपके बधे में लैंग्वेज स्किल का विकास होना भी बेहद जरूरी है क्योंकि यह उसके संपूर्ण विकास के लिए जरूरी है. कोई नयी भाषा सीखने से हमारे मस्तिष्क को चुनौती मिलती है और इससे मस्तिष्क की शक्ति भी बढती है. हॉबीज बढायें जब बधे नयी एक्टिविटीज सीखते हैं या उसमें भाग लेते हैं, उस दौरान मस्तिष्क उसे नये चैलेंज के रूप में ग्रहण करता है. यह ब्रेन की एक्टिविटी और उसके फंक्शन में इम्प्रूवमेंट लाता है. हालांकि दिये गये ब्रेन एक्सरसाइज बहुत सीमित है क्योंकि ब्रेन एक्सरसाइज की कोई सीमा नहीं है. बधे को फिजीकल एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें और पर्याप्त नींद लेने दें. यह उन्हें रिलैक्स होने में सहायता करेगा. साथ ही साथ बच्चो  के साथ मजेदार एक्टिविटीज करना न भूलें और उसे हंसने का खूब मौका दें क्योंकि स्ट्रेस फ्री माइंड और एक्टिव ब्रेन के लिए लाफ्टर सबसे बेहतर टॉनिक माना जाता है. 
ये लेखक के निजी विचार है! लेखक का परिचय:
Mamta Maurya
Home Science Department,
Allahabad University

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