Sunday, 7 October 2012

गंगा की हालत देख कर कुछ कहने को मन किया और दिल से यही आवाज निकली, राम तेरी गंगा मैली हो गयी, पापियों के पोलीथिन ढोते ढोते, चिरागन की तरफ से पिछले एक पखवारे से गंगा किनारे, गंगा जागरूकता के लिए चलाये जा रहे " भागीरथी पुनर आह्वान" कार्यकर्म के पहले दिन की ये तस्वीर.~! जिसको हमने पोस्टर का रूप देकर आपको भी नदियों के लिए जागृत करने का प्रयास किया है,! अब एक सवाल ... क्या हमारी नदिया केवल पोलीथिन ढोने के लिए रह गयी है?

गंगा की हालत देख कर कुछ कहने को मन किया और दिल से यही आवाज निकली, राम तेरी गंगा मैली हो गयी, पापियों के पोलीथिन ढोते ढोते, चिरागन की तरफ से पिछले एक पखवारे से गंगा किनारे, गंगा जागरूकता के लिए चलाये जा रहे " भागीरथी पुनर आह्वान" कार्यकर्म के पहले दिन की ये तस्वीर.~! जिसको हमने पोस्टर का रूप देकर आपको भी नदियों के लिए जागृत करने का प्रयास किया है,! अब एक सवाल ... क्या हमारी नदिया केवल पोलीथिन ढोने के लिए रह गयी है?

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