Friday 19 April 2013

खाली समय का सदुपयोग

यदि किसी के पास खाली वक्त है तो इसका मतलब यह नहीं कि यह वक्त सोकर या अर्थहीन काम करके गवां दिया जाए। खाली वक्त में फालतू के काम या फिजूल की बातें करने से बचें । अधिकतर लोग खाली समय में गॉसिप या चुगलखोरी करते हैं। यह बुरी आदत है। इससे व्यक्ति के चरित्र में, व्यवहार में निगेटिविटी आती है। जबकि खाली वक्त में कई तरह के रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। ऐसे कायरे में आप खुशी-खुशी अपना भविष्य भी तलाश सकते हैं

कभी भी खाली न बैठें। अपने खाली समय का सही तरीके से इस्तेमाल करें। यह भी जानने की कोशिश करें कि खाली समय का इस्तेमाल से आपका कितना फायदा और कितना नुकसान हो सकता है। खाली वक्त का हमेशा इस तरह उपयोग करें जिससे आपका फायदा हो। रोजाना काम करने के बीच खाली समय आता है। इस समय को भी इंज्वॉय करना चाहिए। अकसर लोग खाली समय को मौजमस्ती करते हुए बिताते हैं। एक सीमा तक मौजमस्ती जरूरी भी है, पर जहां यह हद से बाहर चली जाती है, नुकसानदायक बन जाती है। मौजमस्ती इंसान की कार्यक्षमता और उनकी ऊर्जा को बढ़ाते हैं। पर यह बात हमेशा ध्यान में रखें कि ज्यादा मौजमस्ती भी अनुशासन में खलल डालते हैं। लगातार काम करने से इंसान थक जाता है। जिस तरह से स्कूल, कॉलेज या फिर ऑफिस में मन मुताबिक छुट्टियां नहीं मिलने पर हम तनाव से घिर जाते हैं, ठीक उसी तरह वैज्ञानिकों का कहना है कि लंबे समय तक छुट्टी पर रहना या फिर ज्यादा समय तक काम से दूर रहना भी तनाव पैदा कर सकता है। खाली वक्त का कम मिल पाना या ज्यादा मस्ती करना दोनों का जीवन पर फर्क पड़ता है। खाली रहने का मतलब कुछ भी करके टाइम पास करना नहीं है। कुछ भी करके समय काटने से अच्छा है, अपने समय का सदुपयोग करें। यदि कोई कुछ भी गलत काम करके खाली समय बिताता है तो ऐसी खाली समय हमें क्षणिक खुशी तो देता है, लेकिन यह दुख और तनाव का स्थायी तौर पर कारण बनता है। सकारात्मक व्यस्तता को श्रेष्ठ जीवन की अभिव्यक्ति कहा जाता है। हर व्यक्ति को अपने रोजमर्रा के काम के बाद मिलने वाले खाली समय का भी सदुपयोग करना चाहिए। समय की कीमत पहचानने वाले के लिए खाली समय किसी सौगात से कम नहीं होता लेकिन जिनके लिए समय को कोई मोल नहीं, उनके लिए खाली वक्त किसी बुराई से कम नहीं। इसलिए जरूरी है वक्त को पहचानें, समझें और उसका अधिकतम सदुपयोग करें।

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